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सांसद अफजाल अंसारी और विद्यायक अलका राय का मीटिंग में आमने सामने

गाजीपुर। जिला योजना की शनिवार को चल रही बैठक को बीच में ही छोड़ कर भाजपा विधायक अलका राय सबको सकते में डाल दीं। जिला योजना में इस वित्तीय साल के लिए प्रस्तावित बजट के अनुमोदन के लिए यह बैठक राइफल क्लब में आहूत थी। बैठक की अध्यक्षता प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक कर रहे थे। बैठक में जिला पंचायत चेयरमैन आशा यादव सहित लगभग सभी जनप्रतिनिधि और संबंधित अफसर मौजूद थे। बैठक में जनप्रतिनिधियों के लिए पहले से ही सीटिंग व्यवस्था की गई थी। उनकी कुर्सियों के आगे टेबल पर उनके नाम के टैग रखे थे। प्रभारी मंत्री के ठीक बाएं एमएलसी विशाल सिंह चंचल और उसके बाद सांसद अफजाल अंसारी थे, जबकि प्रभारी मंत्री के ठीक दाएं जिला पंचायत चेयरमैन आशा यादव, पुलिस कप्तान डॉ.अरविंद चतुर्वेदी, सीडीओ हरिकेश चौरसिया। फिर विधायक अलका राय और तब सुनीता सिंह। मतलब अफजाल अंसारी के एकदम सामने अलका राय मौजूद थीं। जाहिर था कि अफजाल अंसारी से सामना होते ही अलका राय खुद को सहज नहीं रख पाईं। वह अपनी कुर्सी से अचानक उठीं और बाहर निकल अपनी गाड़ी में बैठ कर चलीं गईं। मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों को अलका राय की भरी-भरी आंखें देख समझते देर नहीं लगी कि उनके साथ यह सब कैसे और क्यों हुआ।

दरअसल, विधायक रहे अपने पति कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद अलका राय का अफजाल अंसारी से यह पहली बार आमना-सामना हुआ था। उस फैसले में सांसद अफजाल अंसारी तथा उनके भाई मऊ विधायक मुख्तार अंसारी, बहनोई पूर्व मुहम्मदाबाद चेयरमैन एजाजुल हक अंसारी सहित कुल १३ आरोपित बाइज्जत बरी किए जा चुके हैं। अलका राय के बैठक बीच में छोड़ने से भले ही अन्य जनप्रतिनिधि, अफसर स्तब्ध दिखे, लेकिन सांसद अफजाल अंसारी की भाव-भंगिमा वैसी ही बनी रही मानों न उन्होंने कुछ देखा है और न महसूस ही किया है। वह अपने जाने-पहचाने अंदाज में ही पहले बैठक में उपलब्ध कराई गई पुस्तिका के एक-एक पन्ने की एक-एक पंक्ति पढ़े। फिर सीडीओ की क्लास लगाना शुरू कर दिए। कई बार ऐसे मौके आए, जब सीडीओ को जवाब तक नहीं सुझे। वह बगले झांकने लगे।

अफजाल के अनुभव भरे और तार्किक सवालों से खुद प्रभारी मंत्री भी चिहुंक जा रहे थे। जाहिर था कि अफजाल के सवालों से प्रभारी मंत्री की काबिलियत भी कठघरे में खड़ी हो रही थी। उसी बीच पुलिस कप्तान डॉ.अरविंद चतुर्वेदी उठे और सांसद अफजाल को फूल भेंट करते हुए अपना औपचारिक रूप से परिचय दिए। फिर इस बार सांसद चुने जाने के बाद अफजाल के लिए इस तरह की यह पहली आधिकारिक बैठक थी। बैठक में वह अन्य जनप्रतिनिधियों से बाद में पहुंचे थे।

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