गाजीपुर:कृषि विज्ञान केन्द्र एवं एक्रिप के नेशनल फोरम (National Forum of KVK & AICRP) के आह्वाहन पर उ.प्र. कृषि विज्ञान केन्द्र कार्मिक कल्याण एसोसिएसन के पूर्ण समर्थन के साथ आज दिनांक 5 दिसम्बर, 2024 को पूरे देश व प्रदेश में कृषि वैज्ञानिकों की कलमबन्द हडताल रही। हमारे निज संवाददाता द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र पर जाकर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों व कर्मचारियो के सम्बन्ध में वार्ता किया गया। वैज्ञानिकों व कर्मचारियो द्वारा बताया गया कि कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना सन् 1974 में पांडिचेरी में की गयी, तब से सतत् विस्तार होते-होते देश के समस्त जनपदों में कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गयी। राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा 70% के.वी.के. का संचालन किया जा रहा है परन्तु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के भेदभव पूर्ण व्यवहार के कारण, समान मैनडेट, समान कार्य के बावजूद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा सचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को Non Plan के अन्तर्गत रखा गया है तथा अन्य संस्थाओं द्वारा सचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को Plan के अन्तर्गत रखा गया है जिसके कारण कर्मचारियों के सर्विस रूल्स, अधिवर्षता आयु, एवं सेवानिवृत्तिक लाभ आदि में अत्यधिक असमानता के कारण पूरे देश में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारी अपनीर मॉगों के साथ एक दिवसीय कलमबन्द हडताल पर प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे है। कर्मचारियों की प्रमुख मांगे निम्नवत् हैः-
1. डा. आर.एस. परोदा की उच्चाधिकार समिति की सिफारिशों को लागू किया जाय।
2. समान मैनडेट समान कार्य के आधार पर समान वेतन एवं भत्ते प्रदान किये जाय।
3. सेवानिवृत्तिक लाभ जैसे पेंशन, यू.पी.एस./एन.पी.एस., ग्रेच्युटी, चिकित्सा भत्ता आदि सुविधायें प्रदान की जाय।
4. सभी एस.एम.एस. को वैज्ञानिक/सहायक प्रोफेसर पुनः पदनामित किया जाय।
5. सभी वैज्ञानिकों/कर्मचारियों की प्रमोशन पालिसी जैसे CASएवं ACP की सुविधा प्रदान की जाय।
6. डा. सुनीता शर्मा, निदेशक (कृषि प्रसार), भा.कृ.अनु.प. के दिनांक 20.08.2024 एवं 6.11.2024 के पत्रों को निरस्त किया जाय।
7. माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को मानते हुए वैज्ञानिकों को टीचर्स घोषित करने के साथ टीचर्स की समस्त सुविधायें प्रदान की जाय।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. जे.पी. सिंह और डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा समस्याओं का समाधान न करके माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अनर्गल एस.एल.पी. आदि दायर कर कर्मचारियों के मानोबल को तोडने व कमजोर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक एवं कर्मचारीगण, एक दिन की सांकेतिक हडताल करके केन्द्रीय मंत्री (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय), व माननीय प्रधान मंत्री जी, भारत सरकार का ध्यान उपरोक्त विन्दुओं पर आकर्षित कराना चाहते है ताकि केन्द्रीय मंत्री (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय), व माननीय प्रधान मंत्री जी, अपने स्तर से वैज्ञानिकों की मांगों का समाधान करायें अन्यथा कि स्थिति में कर्मचारियों को लम्बी हडताल के लिए बाध्य होना पडेंगा।