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कप्तान के तेवर से दुष्कर्म पीड़ित को दिखी न्याय की किरण

गाजीपुर/कासिमाबाद :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान के शोर व प्रदेश में पुलिस की शुचिता व निष्पक्षता पर उठती उंगलियों के बीच कासिमाबाद पुलिस ने संवेदनहीनता को वो पटकथा लिख डाली जिसमे एक मासूम की चीखें दब कर रह गयीं। मामला कासिमाबाद थाने के एक गांव से जुड़ा है जहां अपने रिश्तेदार के यहां आयी 12 वर्षीय एक बालिका कलयुगी भेड़िये की हवस का शिकार हो गयी। बीते बुधवार को दिनदहाड़े 4 बजे घर के पास खेल रही बालिका को अन्यत्र ले जाकर हुई इस वीभत्स घटना ने परिजनों को झकझोर कर रख दिया। दुष्कर्म की घटना के संबंध में परिजनों ने आननफानन में पुलिस को सूचना दी तथा स्थानीय एक युवक के खिलाफ नामजद तहरीर थानाध्यक्ष कासिमाबाद को दी गयी ,तदोपरांत डाक्टरी परीक्षण में घटना व आरोपों की पुष्टि भी हो गयी। इसी बीच परिजनों के आरोप को आधार माने तो स्थानीय थाने पर तैनात व भ्र्रष्टाचार में कथित रूप से लिप्त एक उपनिरीक्षक ने मामला कुछ ले देकर रफ़ा ,दफा करने की कोशिश ने उनका धैर्य उस समय तोड़ दिया जब डॉक्टर द्वारा घटना की पुष्टित करने के बाद भी कासिमाबाद पुलिस द्वारा उक्त अभियुक्त के खिलाफ सुसंगत धाराओ में मुकदमा पंजीकृत न कर अभियुक्त को बचाने का कार्य किया जा रहा था और मामूली चालान कर मामला निपटारा करने की कोशिश की जाती रही और परिजनों पर सुलह-समझौता हेतु दबाव बनाया जा रहा था । इस बीच बीते शुक्रवार को परिजनों की तरफ से दर्जनों लोग थाने पर आकर बैठ गए और आक्रोशित हो न्याय की मांग करने लगे। ततपश्चात पुलिस ने धारा बढ़ाने का मूड बनाया ही था कि मामला वायरल होने पर एवं पुलिसिया लापरवाही उजागर होने पर सूचना आला अधिकारियों तक पहुंच गई तथा अधिकारियों ने इस प्रकरण की व्यक्तिगत रूप से जांच की। स्वभाव से तेजतर्रार माने जाने वाले गाजीपुर पुलिस अधीक्षक ने जांच व परिजनों के बयान के आधार पर व लिखित कार्यवाही में लापरवाही के चलते कासिमाबाद थानाध्यक्ष अनिल पांडेय , एसआई जय प्रकाश यादव ,कॉन्स्टेबल विकास सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया । जिसके बाद दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा व आला अधिकारियों के इस संज्ञान के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की आस जगी है।
पुलिस अधीक्षक की कायर्वाही से पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है ।