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बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दिया पद से इस्तीफा , चुनाव लड़ने की चर्चा

बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय की स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) को बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बक्सर या भोजपुर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

पिछले कई दिनों से ये कयास लगाए जा रहे थे कि डीजीपी पांडेय पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले ही बिहार सरकार ने उनका वीआरएस मंजूर कर लिया। पांडेय के वीआरएस लेने और चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का दावा है कि वे हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

संजीव कुमार सिंघल को मिला अतिरिक्त प्रभार

गुप्तेश्वर पांडेय को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने के बाद बिहार होमगार्ड और अग्निशाम सेवाएं के महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सिंघल 1988 बैच के आईपीएस हैं। चर्चा है कि पांडेय एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ सकते हैं। पांडेय नीतीश सरकार की शराबबंदी की नीतियों को लेकर भी काफी मुखर रहे हैं।

कहा जाता है कि भाजपा और जदयू दोनों ही पार्टियों से गुप्तेश्वर पांडेय के बेहतर संबंध रहे हैं। पांडेय एक बार भाजपा के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ने का भी प्रयास कर चुके हैं। हालांकि तब वे चुनाव नहीं लड़ पाए थे। आईपीएस ऑफिसर रहते हुए भी गुप्तेश्वर पांडेय खासी सुर्खियों में रहे हैं।

सिर्फ 5 महीने का बचा था कार्यकाल

गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था। उनका कार्यकाल करीब 5 महीने का ही बचा था। राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था। उनके इस कदम से साफ लग रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है।

बेगूसराय और जहानाबाद में अपराधियों का किया था खात्मा

बतौर आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय 33 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं। एसपी से लेकर डीआईजी, आईजी और एडीजी बनने तक के सफर में गुप्तेश्वर पांडेय 26 जिलों में काम कर चुके हैं। 1993-94 में वे बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद के एसपी रह चुके हैं। दोनों जिलों में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों का खात्मा कर दिया था। इन्हें कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिए भी जाना जाता है।

सुशांत मामले में बेबाक तरीके से रखी थी अपनी बात

मुंबई में हुए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को जांच के लिए वहां भेजा गया था। इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी बातों को बेबाक तरीके से सबके सामने रखा था। कई बार वो खुलकर मीडिया के सामने आए थे। बिहार के युवाओं के बीच इनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है।