ताज़ा खबर

प्रेम देने से मिलता है और बांटने से बढ़ता है:फलाहारी जी महाराज

बलिया:भरौली मां गंगा तट पर चल रहे सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा में कथावाचक श्री श्री 1008 शिवरामदास उपाख्य फलाहरी बाबा ने कहा कि धर्म जीवन को समग्रता में जीना सिखाता है।जिस धर्म में प्रेम का सिद्धांत प्रतिपादित ना होता हो वह धर्म नहीं है। प्रेम देने से मिलता है ,और बांटने से बढ़ता है। जगत को जगदीशमय देखना ही स्थुल ध्यान है। प्रेम समग्र विश्व को तृप्त करने मे सामर्थ्यवान है। सत्य और प्रेम शब्द में आबद्ध नहीं होता।भक्ति मार्ग ही सरस मार्ग है ।आसक्ति यदि पतझड़ है तो भक्ति ही बसंत है। जीवन को निरसता से सरसता की ओर ले जाने के लिए भक्ति माध्यम का काम करती है ।

भक्त भगवान को मानकर जानता है तथा ज्ञानी जानने के बाद मानता है ।जैसे बल्ब स्विच ऑफ होते ही बंद हो जाता है ,लेकिन पंखा स्विच ऑफ होने के बाद भी कई चक्कर चलने के बाद बंद होता है। अध्यात्म का सानिध्य समाप्त होने पर सुख स्वप्न हो जाता है और दुःख मेहमान बन जाता है। दृष्टि यदि व्यापक हो तो विश्व और विष्णु एक है।देश काल और पात्र के अनुसार धर्म का निर्धारण होता है। भय का निवारण ही भागवत का फल है। भागवत हमें मृत्यु से निर्भय बनाता है‌ शरीर और शरीरी में अंतर बतलाता है ।सिद्ध संत और मुक्त महापुरुष भी कथा का आश्रय लेतें है। पुत्र को पिता के संपत्ति का नहीं संस्कारों का उत्तराधिकारी बनना चाहिए। परिवार के बंटवारे में धन जमीन जायदाद का भले ही बटवारा हो जाए किंतु प्रेम का बंटवारा नहीं होना चाहिए।बटवारा विकास का द्योतक होता है किंतु परिवार में जब प्रेम का बंटवारा हो जाता है तो वही ह्रास का कारण बनता है मनुष्य को एक दूसरे के लिए ह्रास का कारण नहीं विकास का माध्यम बनना चाहिए।इस मौके पर भजन गायक रिंकू रसिया ने अपने भक्ति गानों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओ को भाव विभोर कर दिया।गायक रिंकू रसिया ने भजन गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो.. प्रेम से बोलो राधे-राधे और जोर से बोलो राधे-राधे.. बोल पंडाल गूँजे उठा।इस मौके पर आचार्य मदन मोहन द्विवेदी,वादक प्रमोद कुमार एवं गोल्डी तिवारी ,मोहित कुमार मिश्रा,मुंन्ना राय सहित सैकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।