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भगवान के भक्त का पद कभी भूतपूर्व नहीं होता : फलाहारी बाबा

मुहम्मदाबाद: क्षेत्र के डिहवा बासुदेवपुर में हो रहे सात दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में अयोध्या माधवकुंज से पधारे फलाहारी बाबा ने कथा में बताया कि सूर्य भगवान गंगा मैया और अग्नि देव भगवान यह तीनों साक्षात देवता है जिनका दर्शन बराबर होता रहता है गंगा के पास जाने पर अविरल निरंतर चलते रहने यानी बराबर कर्म करने की प्रेरणा मिलती है बुद्धि के देवता सूर्य भगवान का दर्शन कर हमारे अंदर ज्ञान का प्रकाश आता है तथा अग्नि देव का दर्शन कर उर्दू मुखी होने की प्रेरणा मिलती है दीपक और हवन कि लौ बराबर ऊर्ध्वगामी होती है। मानसिक रूप से गंगा में स्नान कर सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर नित्य नहीं तो कम से कम महीना में अमावस्या और पूर्णिमा को हवन जरूर करना चाहिए। हवन से घर की शुद्धि वातावरण की शुद्धि होती है।

फलाहारी बाबा ने पद की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया के जितने पद हैं भूतपूर्व हो जाते हैं भूतपूर्व सैनिक भूतपूर्व शिक्षा भूतपूर्व मंत्री परंतु भगवान के पद का जो अधिकारी बन जाता है तो कभी भूतपूर्व नहीं होता भगवान के भक्त कभी भूतपूर्व नहीं होते जैसे मेरा तुलसी कबीर नरसी मेहता प्रभु चैतन्य श्री हनुमान जी की चर्चा करते हुए बाबा ने कहा कि सुग्रीव को किष्किंधा का पद मिला विभीषण को लंका का पद मिला लेकिन रामचरितमानस के बड़भागी हनुमान को प्रभु श्रीराम के दोनों युगल कमल पद प्राप्त हुआ परशुराम प्रसंग सुनाते हुए बाबा ने कहा कि युद्ध का भी गणित होता है जो सबको नहीं आता है गणित में अंक कटता है और युद्ध में अंग कटता है भाज्य भाजक और शेषफल प्रभु श्रीराम वह शेषफल हैं जो कभी भी किसी से कटने वाले नहीं है परशुराम जी फरसा जब राम के सामने कुंठित हो गया तो यह साबित हो गया कि राम वह शेष फल है जो किसी से कटने वाला नही है। जीव के अंदर भी ईश्वर के अंश रूपी आत्मा जन्म लेती है न मरती है ना हवा सुखा सकता है ना पानी गिला कर सकता है वह अजर और अमर है शरीर मरता है और जन्म लेता है (नैनं छिदन्ति शास्त्राणि) ईश्वर अंश जीव अविनाशी दुनिया में कोई ऐसा खंजर नहीं बना जो आत्मा को घायल कर सके परशुराम ने दबाव से समाज में परिवर्तन चाहा और प्रभु श्री राम ने प्रभाव से समाज में परिवर्तन लाया स्थाई परिवर्तन शस्त्र से नहीं शास्त्र से ही संभव है। प्रत्येक रिश्ते को अपने रिश्ते पर दबाव से नहीं प्रभाव से बस में करना चाहिए। आज समाज के लोग इकट्ठा हो रहे हैं इकट्ठा होने से नहीं एक होने से लक्ष्य की प्राप्ति होती है।


लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के मुख्य यजमान राधेश्याम मिश्रा सुदर्शन गुप्ता दीपक कुशवाहा शिवमंगल यादव शिवप्रसाद विनोद गुप्ता ग्राम प्रधान मनोज उपाध्याय राम नारायण सिंह रामाशीष राजभर राज किशोर सिंह जयराम यादव गिरधार उपाध्याय शशिधर उपाध्याय गोविंद उपाध्याय राम भजन कुशवाहा हरिहर कुशवाहा राहुल उपाध्याय इत्यादि यज्ञ में विशेष रूप से लगे हुए हैं गांव के नौजवान बखूबी सेवा में लगे हैं श्री फलाहारी बाबा के कथा में तथा वृंदावन से आए हुए रासलीला में तथा यज्ञ के परिक्रमा में क्षेत्र की जनता भक्ति लाभ से लाभान्वित हो रही है अयोध्या वाराणसी से आए हुए वैदिक ब्राह्मणों के मंत्र ध्वनि से पूरा वातावरण गुंजायमान और भक्तिमय बना हुआ है