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पटना:शिक्षाविद् की जयंती पर शिक्षकों को ढेरों शुभ कामनाएं : प्रबंध निदेशक द प्लेटफार्म कोचिंग

(दैनिक फॉर मीडिया-अजय कुमार यादव की रिपोर्ट)

पटना:द प्लेटफॉर्म एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड मुसल्लहपुर हाट पटना -6 के प्रबन्धक निदेशक
संजय कुमार सिंह एवं नवीन कुमार सिंह ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के शिक्षकों को ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

निदेशक संजय कुमार सिंह ने बुधवार को डॉ़ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कहा कि समाज एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती। अपने संदेश में कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी के भविष्य निर्माता हैं और समाज तथा राष्ट्र को सही दिशा देने का उन पर भारी दायित्व है। शिक्षक का समाज में सर्वोच्च स्थान है। वह केवल साक्षर ही नहीं बनाता है बल्कि ऐसे संस्कार भी देता है जिनसे जीवन को दिशा मिलती है।उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को कुम्हार के उदाहरण के जरिये समझाते हुए कहा कि शिक्षकों की स्थिति कुम्हार की चाक और गीली मिट्टी से समझा जा सकता है। कुम्हार मिट्टी से ‘राम’ बना ले या ‘रावण’ बना दे, यह उसके हाथ में रहता है।शिक्षक ही राजेंद्र प्रसाद जैसी प्रतिभा को अपनी ज्ञान सरिता दी थी। वे शिक्षक जनके सान्निध्य में जवाहरलाल नेहरू, गांधी और डॉ़ ए़ पी़ ज़े अब्दुल कलाम जैसे विद्वान पैदा हुए और जिन्होंने रामानुजन जैसे महान गणितज्ञ को जमीन पर उतारा।इन विभूतियों को बनाने वाले भी आम शिक्षक ही थे,

जिन्होंने आईआईटी, एमबीए नहीं किया था। आज ऐसे शिक्षकों की कमी पूरे देश में चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि आज के शिक्षकों में वैसी प्रतिबद्धता की कमी है। आज शिक्षकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती समाज और देश के कल को बेहतर बनाने की है।संजय ने हालांकि यह भी स्वीकार करते हुए कहा कि ऐसे प्रतिबद्ध लोगों की समाज में कमी नहीं है, लेकिन वैसे लोगों को सबसे आगे लाने की जरूरत है।संजय ने कहा कि आज के बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस यहां तक कि नेता बनने तक का सपना देखते हैं, मगर कोई बच्चा शिक्षक बनना नहीं चाहता।


वही संस्था ने निदेशक नवीन कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा का मतलब केवल रटना नहीं है। बल्कि उसे समझकर जीवन में प्रयोग करना चाहिए। शिक्षा का अर्थ वैज्ञानिक सोच, विश्व बंधुत्व को भी दर्शाता है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा आयोग का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा का प्रथम कार्य क्षमताओं का पूर्ण विकास कर अधिक अवसर प्रदान करना है। समग्र रूप से मानसिक, आध्यात्मिक, नैतिक, आर्थिक, पहलुओं आदि का विकास करना ही शिक्षा का उद्देश्य है।आगे सम्बोधन में कहा कि यह दिन हमारे समाज के लिए बहुत जरूरी होता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं और उनके काम की सराहना करते हैं। बच्चे समाज का भविष्य होते हैं और उन बच्चों को एक अच्छा व्यक्ति बनाने में एक शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक शिक्षक के बिना कोई अकाउंटेंट, डॉक्टर, पायलट, इंजिनियर या किसी भी क्षेत्र में नहीं जा सकता है।शिक्षक की जरूरत इसलिए भी है कि बच्चों और उनके माता-पिता को एक शिक्षक की समाज में महत्वता समझ में आ पाए,और उन्हें समझ आए कि शिक्षा के बिना उनकी कोई पहचान नहीं हो सकती है। साथ ही शिक्षा का असली ज्ञान सिर्फ एक शिक्षक ही दे सकता है।शिक्षक इस समाज का वो हिस्सा हैं जिनके कारण ही इस समाज का निर्माण होता है। एक बच्चे को बेहतर और सामाजिक बनाने का काम एक शिक्षक करता है!उक्त जानकारी के लिए बता दे की पूर्वी भारत की मशहूर संस्थान पटना स्थित कोचिंग द प्लेटफार्म ” ए यूनिट ऑफ प्लेटफार्म एजुकेशन सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की नींव पटना में 2 अक्टूबर 2002 रखी गयी थी।

जिसमे बैंक,रेलवे,एसएससी,दरोगा,सिपाही जैसे एक दिवसीय प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करायी जाती है।साथ साथ online test की सुविधा भी छात्रों को देती है।संस्था के छात्रो के साथ पटना के बाहर रहने वाले छात्र भी बखूबी लाभ ले रहे है।ये संस्थान पटना के बाहर छात्रों के दिक्कतों को समझते हुए संस्थान के अनुभवी विद्वान शिक्षको द्रारा तैयार की गयी रुक्मणि प्रकाशन से सभी विषयो की अलग अलग परीक्षाओं की तैयारी के लिए बुक स्टालों पर उपलब्ध करायी है।जिससे पटना के बाहर के छात्र बहुत ही लाभवान्वित है।द प्लेटफार्म कोचिंग के छात्राओ की सँख्या की बात करे तो लगभग 15 हजार से अधिक छात्र एक दिवसीय परीक्षा की तैयारी करने लिए आते है। शिक्षक एवं कर्मचारियों की बात किया जाए तो लगभग 100 से ऊपर है। एक प्रश्न के जबाब में बताया कि हाल ही में हुए रेलवे लोकोपायलट व टेक्नीशियन परीक्षा में 2000 से अधिक  छात्र संस्थान से सफल हुए है।इस संस्थान में लड़कियों के लिए पढाई के लिए विशेष सुबिधा है।जिसका निगरानी प्रबन्धक निदेशक सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से रेगुलर मॉनिटरिंग एवं छात्रो को समस्यों को दूर करने लिए सप्ताह में एक दिन कक्षाओ में जाकर संवाद स्थापित करते है।